Ramlala Idol: राम मंदिर में 22 जनवरी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की मूर्ति को गढ़ने वाले मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज की काफी चर्चा है, उन्होंने जिस लगन और मेहनत के साथ मूर्ति को गढ़ा उसके किस्से सामने आ रहे है।
रिपोर्ट के मुताबिक मूर्ति गढ़े जाने के दौरान उसके साक्षी रहे संस्कृत और संगीत के विद्वान सुमधुर शास्त्री ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए है। सुमधुर शास्त्री ने बताया कि अरुण योगीराज ने 7 महीनों में कई बार उन्हें आधी रात उठाया और ये कहते हुए कि रामलला बुला रहे है अपने साथ चलने को कह रहे है।
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रिपोर्ट के मुताबिक सुंदर शास्त्री ने बताया कि अरुण ने अपना कार्य कुछ देर से शुरू किया शास्त्री ने यह भी कहा कि शुरू में उनके और योगीराज के बीच बातचीत को लेकर चुनौती थी लेकिन फिर टूटी-फूटी अंग्रेजी में बातचीत करने का रास्ता निकला।
Ramlala Idol: रामायण के छंदों से गहराई का अध्ययन
शास्त्री ने बताया कि रामलला के उत्तर भारतीय स्वरूप को समझने के लिए स्वामीनारायण छपाईया मंदिर का दौरा किया गया और नैमिषारण्य में मंदिरों को देखा गया उन्होंने बताया कि संतों के साथ मूर्ति के स्वरूप पर चर्चा की गई और दिव्य स्वरुप को समझने के लिए ग्रंथ और रामायण के छंदों से गहराई का अध्ययन किया गया ।
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सुंदर शास्त्री ने बताया कि रामलीला की मूर्ति में आंखें बनाने की प्रक्रिया बहुत ही ज्यादा खास थी इसके लिए सोने की छेनी और चांदी के हथौड़े का उपयोग बहुत कोमलता के साथ किया गया उन्होंने कहा कि आंखें बनाते वक्त यह खास तौर पर ध्यान दिया गया कि जो ब्रह्मला के दर्शन किए जाएं तो हर किसी को भगवान की ओर से देखे जाने की अनुभूति हो।