Baba Baidyanath Temple: वैसे तो देश में महादेव के बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मंदिर है बाबा बैद्यनाथ धाम जो देवघर के बाबा धाम के नाम से भी फेमस है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है इसीलिए यहां स्थित शिवलिंग को कामना लिंग भी कहते हैं।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बैद्यनाथ मंदिर को कहा जाता है कामना लिंग देवघर में मौजूद बैद्यनाथ धाम यानी कि बाबा धाम भगवान शिव के नवीं ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाते हैं इस मंदिर में शिव और सती एक साथ विराजमान है। चलिए आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इस मंदिर की खासियतों के बारे में बताते हैं।
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Baba Baidyanath Temple: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है वैद्यनाथ धाम
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र बैद्यनाथ शिवलिंग झारखंड के देवघर में स्थित है इस जगह को लोग बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं। बाबा धाम के नाम से भी जानते हैं कहा जाता है कि भोलेनाथ यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं । इस शिवलिंग को कामना लिंग भी कहते हैं।
वैद्यनाथ धाम शक्तिपीठ को लेकर भी फेमस है क्योंकि यहां माता का हृदय गिरा था यही वजह है कि इस स्थान को हार्दपीठ के नाम से भी जाना जाता है ।
क्या है पौराणिक कथा ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंका पति रावण भगवान शिव की आराधना करता था एक बार रावण ने हिमालय पर कठोर तपस्या की इस दौरान उसने अपने नवसिर काटकर भगवान शिव को अर्पित कर दिया जब 10 वें सर की बारी आई तो स्वयं महादेव उसके सामने आ गए और रावण की भक्ति को देखकर प्रसन्न हो गए। और उसे वरदान मांगने को कहा रावण चाहता था कि भगवान शिव उसके साथ लंका में रहे इसलिए उसने वरदान भी यही मांग लिया। वरदान में उसने कामना लिंग मांगा।
भगवान शिव ने रची साजिश
भगवान शिव ने रावण की इच्छा पूरी की लेकिन एक शर्त रख दी। महादेव ने रावण से कहा कि अगर तुमने शिवलिंग को कहीं रास्ते में रख दिया तो वह वहीं पर स्थापित हो जाएगा उसे दोबारा नहीं उठा पाओगे।
रावण ने रास्ते में कर दी गलती
रावण ने शर्त मान ली उसने सोचा कि रास्ते में मैं शिवलिंग रखूंगा ही नहीं लेकिन रास्ते में उसने गलती कर दी क्योंकि यह तो महादेव ने खुद रचा था। दरअसल रास्ते में ही उसको पेशाब लगा जिसकी वजह से उसने शिवलिंग नीचे रख दिया।
उसने कामना लिंग को उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह हार गया बाद में रावण को भगवान शिव की लीला समझ में आ गई कि यह लीला जो है वह खुद शिव ने रची थी।
कहा जाता है कि इसके बाद ही ब्रह्मा विष्णु और अन्य देवताओं ने आकर उसे शिवलिंग की पूजा की तभी से महादेव कामना लिंग के रूप में देवघर में विराजते हैं।
बाबा धाम मंदिर में लगता है भक्तों का तांता
हर साल सावन में यहां पर भक्तों का तांता लग जाता है बाबा धाम के नाम से फेमस यह वेद्यनाथ मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है और भक्त यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए और महादेव के दर्शन के लिए आते है।