Ashutosh Maharaj: दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज इस वक्त सुर्खियों में बने हुए हैं दरअसल उनको लेकर यह दावा किया जा रहा है कि वह पिछले 10 साल से समाधि में है जो कि 100 प्रतिशत सच है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछ रहे हैं कि वह समाधि से कब वापस आएंगे वह कब जागेंगे।
ऐसा लोग इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि उनके शिष्या ने भी समाधि ले लिया है और उनके शिष्या ने समाधि लेने के बाद यह दावा किया है कि वह आशुतोष महाराज जी को जगाने गई है इस वजह से वह समाधि ले रही है।
समाधि स्थल पर पहुंचकर जब इस बारे में उनके शिष्यों से बातचीत की गई तो महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने एक बड़ा आरोप लगाया । दरअसल उन्होंने कहा कि दिव्य ज्योति जागृती संस्थान वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है ताकि वह कभी समाधि से वापस ही ना सके।
इसलिए आशुतोष महाराज ने अपने शिष्या आशुतोषाम्वरी जिन्होंने अभी समाधि लिया उनको आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें वापस समाधि से ले आए क्योंकि इन लोगों ने उनको कैद करके रखा है इसलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं।
Ashutosh Maharaj: 28 जनवरी को आशुतोषाम्वरी ने ली समाधि
दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के संस्थापक धर्मगुरु आशुतोष महाराज को 10 साल पहले क्लीनकली डेड घोषित कर दिया गया था। लेकिन उनके शिष्य और सेवादार यह बात मानने को तैयार ही नहीं है उनका कहना है कि आशुतोष महाराज गहरी समाधि में है। यूपी की राजधानी लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी जी ने बीते 28 जनवरी को समाधि ले ली ।
10 साल पहले आशुतोष महाराज ने ली समाधि
बात यह है कि 10 साल पहले 2014 में जब दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज को डॉक्टर ने क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था। लेकिन संस्थापक के संचालक मानने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने आशुतोष महाराज का शरीर डीप फ्रीजर में रख दिया इस उम्मीद में कि वह किसी दिन समाधि से बाहर निकलेंगे और फिर अपने भक्तों के साथ हंसते खेलते नजर आ जाएंगे ।
उनका कहना था कि हिमालय में जीरो डिग्री से भी कम तापमान होता है और जब संत समाधि में जाते हैं तो हमारा फर्ज बनता है कि उनके शरीर की देखभाल की जाए।
नूर महल में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की नींव रखी
आशुतोष महाराज ने 1980 के दशक की शुरुआत में जालंधर के पास नूर महल में दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की नींव रखेी। आशुतोष महाराज के पंजाब में 65 आश्रम के साथ देश पर में तकरीबन 350 आश्रम के अलावा अमेरिका ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन में भी कई जगह उनके आश्रम है।
आशुतोष महाराज के फॉलोअर्स की संख्या लाखों में है जब यह सवाल किया गया कि क्या आशुतोष महाराज खुद से नहीं आ सकते जब वह इतने बड़े विख्यात है तो उनके शिष्यों ने कहा कि उनको किसी को उठाना पड़ता है वह खुद से आने में सक्षम नहीं है ।
कोर्ट में दायर की PIL
वहीं डॉक्टर स्वामी आदि शंकारानंद ने बताया कि उन लोगों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की है कि जो समाधि में उनकी गुरु मा आशुतोषाम्वरी गई है उनके सुरक्षा का इंतजाम किया जाए साथी उन्होंने बताया कि डॉक्टर की टीम आई थी उन्होंने जांच की गुरु मां की पल्स और हार्टबीट तो नहीं चल रही है लेकिन डॉक्टर और विज्ञान इस बात से हैरान है।
जब उन्होंने ईसीजा किया तो उनको हलचल महसूस हुई अब हम लोगों ने मस्तिष्क की जांच के लिए प्रशासन से कहा है जो डॉक्टर आए थे उन्हें प्रशासन ने ही भेजा था।
क्या है समाधि का सच ?
दूसरी तरफ आश्रम के शिष्यों का दावा है कि उनकी गुरु मां समाधि में चली गई है और वो जल्दी समाधि से आएंगे और वह इसलिए गई है ताकि वह आशुतोष महाराज को वापस ला सके। आपको बता दें आश्रम के जिस कमरे में गुरु मां ने समाधि ली वहां जाने को मना है। सिर्फ यहां दर्शन के लिए जाने दिया गया लेकिन उससे पहले मोबाइल पेन सब कुछ जमा कर लिया गया और डिटेक्टर से स्कैनिंग की गई।
खिड़की से देखने पर पता चलता है कि वह कंबल के अंदर लेटी हुई थी, मुंह ढका हुआ था अब समाधि का सच क्या है यह तो गुरु मां ही जानती हैं या फिर उनके जो मौजूदा सेवादार लोग हैं वही जानते होंगे।