Acharya Pramod Krishnam Biography: आचार्य प्रमोद कृष्णम कुछ दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं दरअसल कांग्रेस पार्टी के यह वरिष्ठ नेता है और इनको 6 साल के लिए पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी ने इन पर अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बयान बाजी करने का आरोप लगाया है ।
दरअसल 22 जनवरी को अयोध्या में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के जाने से इनकार करने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी से नाराज थे और पार्टी के खिलाफ बया बाजी कर रहे थे ।
जिसके बाद से पार्टी ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसे में सब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर प्रमोद कृष्णम का राजनीतिक जीवन क्या है इसके अलावा यह भी जानते जानना चाहते हैं कि आखिर प्रमोद कृष्णम है कौन तो चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि प्रमोद कृष्णम कौन है क्यों सुर्खियों में है इनका राजनीतिक जीवन कैसा है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम कौन है ? Who is Acharya Pramod Krishnam ?
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल के गांव और एंचोड़ा कम्बोह में हुआ। वह एक ब्राह्मण परिवार से आते हैं प्रमोद कृष्णम की गिनती यूपी में कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है वह दो बार कांग्रेस से चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2014 में संभल और दूसरी बार 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बने थे कहा जाता है कि राम मंदिर निर्माण के सपोर्ट में प्रमोद कृष्णम ही कांग्रेस में सबसे आगे रहे।
खासतौर पर यूपी से राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रमोद कृष्णम हमेशा से ही आगे रहे। राजनीति से ज्यादा इनके कल्कि पीठ की चर्चा होती है । जो उन्होंने अपने गांव में ही बनाई है लोग सोशल मीडिया पर कल्कि की धाम के बारे में बहुत ही ज्यादा सर्च करते हैं।
कब से है सुर्खियों में ?
अब आपको बता दें की सुर्खियों में कब से बने हैं दरअसल आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस नेता के साथ-साथ एक संत भी है। उन्होंने अपने कल्कि धाम के शिलान्यास के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था जिसके बाद से वह सुर्खियों में बने थे इससे पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम राम मंदिर के निर्माण को लेकर भाजपा की कई बार तारीफ कर चुके हैं।
वहीं कांग्रेस ने जब प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया था तो उन्होंने पार्टी की आलोचना की थी जिसकी वजह से ही कांग्रेस ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। चलिए अब आपको उनके राजनीतिक जीवन के बारे में बताते हैं कि आखिर इनका राजनीतिक सफर कैसा रहा ।
Acharya Pramod Krishnam Biography: राजनीतिक सफर कैसा है ?
आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर हैं और यूपी के संभल के रहने वाले हैं । आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बहुत ही ज्यादा करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में कई सारी जिम्मेदारियां संभाली। साल 2014 में उन्होंने संभल संसदीय सीट और साल 2019 में लखनऊ से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। इसके साथ ही 2018 में कांग्रेस की ओर से राजस्थान, छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, पंजाब के आम चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई।
प्रियंका गांधी वार्डा की पार्टी के उप सलाहकार परिषद का हिस्सा रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने कॉलेज के वक्त से ही कांग्रेस पार्टी के राजनीति से जुड़ गए वहां से उनके पोलिटिकल कैरियर की शुरुआत हुई। वह कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य थे आपको बता दें कि एक बार उन्होंने कहा था कि कोई भी मंदिर जाकर हिंदू नहीं बनता और ना ही मस्जिद जाकर कोई मुसलमान बन जाता है जिसे जीसस में यकीन है वह ना इसाई हो सकता है और न पैगंबर को मानने वाला मुसलमान इसी तरीके से जो भगवान राम को नहीं मानता है वह हो ही नहीं सकता ।
उन्होंने कहा था की सारी दुनिया जानती है कि राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए प्रयास हुए कई सारे जिससे सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची। आपको बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम शुरू से ही कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे और अब जाकर कांग्रेस ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है उसके बाद से सोशल मीडिया पर इनको लेकर बहस छिड़ गई है।