MSP: क्या आप MSP के बारें में जानते है क्या होता है ये, इसे कैसे तय किया जाता है और अगर सरकार MSP पर किसानों की मांगें मान ली जाए तो सरकार और खजाने पर क्या-क्या फर्क पड़ेगा।
क्या है MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) ?
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की एमएसपी वो न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है। यह मूल्य फसल की बुवाई के समय ही तय कर दिया जाता है जिसके लिए किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाकर उनकी आय में वृद्धि करना और उन्हें कृषि में लाभकारी बनाना है।
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MSP: कैसे तय किया जाता है MSP ?
MSP तय करने के लिए सरकार कृषि लागत एंव मूल्य आयोग की सिफारिशों पर विचार करती है। कृषि लागत एंव मूल्य आयोग विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए MSP तय करता है जैसे….
- उत्पादन लागत: इसमें बीज. उर्वरक, सिंचाई, मजदूरी, और अन्य कृषि इनपुट की लागत शामिल है।
- बाजार मूल्य: इसमें फसल का बाजार मूल्य और उसकी मांग और आपूर्ति की स्थिति शामिल है।
- कृषि की लाभप्रदता: MSP किसानों की कृषि में लाभकारी बनाने के लिए तय किया जाता है।
- किसानों को उचित मूल्य: MSP किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कृषि में लाभप्रदता: MSP किसानों को कृषि में लाभकारी बनाने में मदद करता है।
- खाद्य सुरक्षा: MSP देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भूमिका निभाता है।
MSP के क्या है फायदे…
MSP या न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण नीति है, जिसके अनेक फायदे है।
किसानों को उचित मूल्य: MSP किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये किसानों को उनकी लागत का मुआवजा देते है और उन्हें कुछ लाभ भी मिलता है। जिससे किसानों को फसल उगाने से पहले उसकी कीमत का अंदाजा हो जाता है कि उसे इस फसल की कितनी कीमत मिलेगी। आपको बता दें कि हमेशा ऐसा था कि किसान ने फसल तैयार की लेकिन बाजार में उसकी मांग नहीं होने की वजह से किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिलता था ऐसे में किसानों को लागत भी नहीं निकलती है।
सरकार अगर MSP पर किसानों की मांग पूरी कर दें तो क्या ?
आपको बता दें की सरकार किसानों की मांग पूरी करती है तो उसपर वित्तीय भार आ जाएगा। अगर सरकार एमएसपी वाली सभी 23 फसलों का पूरा उत्पादन खरीद लेती है तो सरकारी खजाने पर इसका गहरा प्रभाव होगा।