Pankaj Udhas: पंकज उधास की इस जानलेवा बीमारी से गई जान, ये लक्षण दिखते ही आप हो जाएं अलर्ट

Pankaj Udhas: मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। भजन गायक और पंकज उधास के दोस्त अनूप जलोटा ने उनकी मौत की वजह बताते हुए कहा कि सिंगर की मौत पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण हुई। पंकज उधास कई महीनों से गंभीर बीमारी से लड़ रहे थे।

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अनूप जलोटा ने कहा कि, जिस इंसान ने कई कैंसर मरीजों की मदद की, वो खुद कैंसर से मर गया। यहीं लाइफ है उन्हें पैंक्रियाटिक कैंसर था। मैं पिछले 5-6 महीनों से ये बात जानता था बीते 2-3 महीनों से उन्होंने मुझसे बात करनी भी बंद कर दी थी। बहुत दुख है कि इस बीमारी ने जान ले ली।

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Pankaj Udhas: पैंक्रियाटिक कैंसर क्या है ?

पैंक्रियाटिक कैंसर पैंक्रियाज में होने वाला कैंसर है ये पेट के पीछे, छोटी आंत के पास स्थित एक लंबा ग्लैंड होता है जिसका काम एक्सोक्राइन फंक्शन यानी पाचन में मदद करना होता है। यह ग्लैंड एंडोक्राइन को कंट्रोल करता है। एंडोक्राइन ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने का काम करता है जब किसी शख्स को पैंक्रियाटिक कैंसर होता है तो उसके पैंक्रियाज में सूजन आने लगती है।

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ये सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है जो हर 4 लाख भारतीयों को प्रभावित कर रहा है। ये कैंसर तब होता है जब पैंक्रियाज की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होने लगती है। जब तक इंसान एडवांस स्टेज में न पहुंच जाए, पैंक्रियाटिक कैंसर के कई लक्षण नजर नहीं आते। इस कारण से पैंक्रियाज कैंसर का पता लगाना और उसका इलाज करना बहुत मुश्किल होता है।

पैंक्रियाटिक कैंसर के क्या है लक्षण ?

जब ये कैंसर जब अपने एडवांस स्टेज में पहुंचता है तो इंसान में ये लक्षण नजर आते है।

  • पेट में दर्द जो कि धीरे-धीरे पीठ दर्द में बदल जाता है।
  • भूख कम लगना
  • वजन कम होना
  • त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना
  • स्टूल के रंग में बदलाव
  • गहरे रंग का पेशाब
  • खुजली
  • डायबिटीज होना या फिर डायबिटीज को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाना
  • पैरों और बांहों में दर्द और सूजन जो कि खून के जमने से हो सकता है.
  • थकान और कमजोरी महसूस होना

पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण

सिगरेट पीना, शराब पीना, मोटापा, प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन इंसान

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डॉक्टर के मुताबिक, पैंक्रियाटिक कैंसर का कोई सटीक कारण अभी तक पता नहीं है लेकिन कुछ कारक इस कैंसर के खतरे को बढा देते हैं, जिसमें स्मोकिंग, शुगर, क्रोनिक पैंक्रियाटिक मोटापा है। परिवार में अगर किसी को ये कैंसर रहा है, तब भी इंसान को इसका खतरा बढ़ जाता है।

कैसे लगाते है इस कैंसर का पता ?

इस कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर मरीज के लक्षण और मेडिकल हिस्ट्री की जांट करते है। मरीज का सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट किया जाता है। पैंक्रियाटिक कैंसर का पता लगाने के लिए दो खास तरह के टेस्ट endoscopic retrograde cholangiopancreatography और endoscopic ultrasound (EUS) किया जाता है।

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