Akhilesh Yadav: सीबीआई यानी की सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन ने समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 5 साल पुराने अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली के ऑफिस बुलाया। यह मामला उस वक्त का है जब अखिलेश यादव राज्य में मुख्यमंत्री थे सीबीआई ने उन्हें इस मामले में आरोपी नहीं बनाया बल्कि बतौर गवाह पूछताछ के लिए समन जारी किया है। सीबीआई ने अखिलेश यादव को ये समन तब जारी किया जब एक दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चलिए आपको बताते हैं।
क्या है अवैध खनन का मामला ?
दरअसल जब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे तब यानी की 2012 से 2016 के दौरान राज्य के फतेहपुर देवरिया शामली कौशांबी सहारनपुर सिद्धार्थ नगर और हमीरपुर जिलों में अवैध खनन के मामले सामने आए। उस दौरान गायत्री प्रजापति उनकी बर्खास्तगी के बाद खुद अखिलेश यादव के पास खनन मंत्रालय का जिमेमा था।
आरोप है कि उसे दौरान खनन पट्टे जारी करने में ई टेंडरिंग का कथित तौर पर उल्लंघन किया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुलाई 2016 में इस मामले की जांच सीबीआई से करने का आदेश दिया हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2 जनवरी 2019 को इस मामले में 11 लोगों का खिलाफ केस दर्ज किया।
सीबीआई इस मामले में अखिलेश और उनकी कैबिनेट के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की भूमिका की जांच कर रही है सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है ।
Akhilesh Yadav: क्या है आरोप ?
अखिलेश यादव की सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंधों के बावजूद अवैध खनन की अनुमति दी और लाइसेंस रिन्यू किया इसके अलावा अखिलेश पर यह भी आरोप है कि उन्होंने ई-टेंडरिग नियमों का उल्लंघन करते हुए एक दिन में 13 खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी आरोप यह भी है कि उनके कार्यकाल में अधिकारियों ने खनिजों की चोरी होने दी पक्षधरों और चालकों से पैसे वसूले। सीबीआई ने आरोप लगाया कि पूर्व सीएम ने 17 फरवरी 2013 को एक ही दिन में 13 परियोजना को मंजूरी दी जो कथित तौर पर ई टेंडरिंग का उल्लंघन है।
सीबीआई ने इस मुद्दे की जांच के लिए साथ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दर्ज की। प्राथमिकी के बाद 2012-13 के दौरान खनन विभाग यादव के पास था जिससे जाहिर तौर पर उनकी भूमिका संदेह के घर में आ गई। साल 2013 में उनकी जगह गायत्री प्रजापति ने खनन मंत्री के रूप में पदभार संभाला जिन्हें चित्रकूट निवासी एक महिला द्वारा बलात्कार का आरोप लगाया जाने के बाद 2017 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
समाजवादी पार्टी ने लगाए गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी का आरोप है कि जब 2019 में लोकसभा चुनाव होना था तब सीबीआई का इस्तेमाल अखिलेश यादव के खिलाफ मामले में किया गया और फिर 5 साल बाद जो लोकसभा चुनाव होने वाला है तो इस मामले में अखिलेश यादव को तलब किया गया है सपा नेता इसे चुनावी और सियासी साजिश बता रहे हैं।