Tihar Jail Rule: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में है जेल की कोठी नंबर 2 में उनका रखा गया है । आने वाले 2 सप्ताह तक वह यहीं पर रहेंगे इसके बाद को तय करेगी कि आगे केजरीवाल के साथ क्या करना है । इस दौरान केजरीवाल को कई सुविधाएं मिल रही है जैसे कि उन्होंने तीन किताबों की मांग की थी सेल के बाहर सुरक्षा कर्मियों के साथ क्विक एक्शन टीम है एक डॉक्टर लगातार उनकी सेहत देख रहा है। क्योंकि वह डायबिटिक हैं। उन्हें शुगर फ्री चाय और बिस्किट भी दिया जा रहा है। आम कैदियों को यह सुविधा नहीं मिलती है।
जेल का नियम क्या कहता है ?
प्रिजन एक्ट 1894 कहता है की जेल के अधिकारी किसी भी तरह से कैदियों के साथ बिजनेस नहीं कर सकते ना ही किसी भी तरीके से लेनदेन के जरिए कैदी को सीधी या इनडायरेक्ट सुविधा दे सकते हैं कैदियों के बाहर चलते बिजनेस भी कोई हिस्सेदारी जेल के लोग नहीं कर सकते यह नियम इसलिए बना था कि सभी कैदियों को सामान ट्रीटमेंट मिल सके ना कि स्टेटस देखकर किसी भी फायदे के लिए जेल अधिकारी किसी एक कैदी को खास मानने लगे।
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Tihar Jail Rule: संजय गांधी को खास सुविधा
जेल प्रशासन का कहना है कि सभी कैदियों आरोपियों को एक जैसा ही ट्रीटमेंट देता है। वीआईपी से अलग नहीं है हालांकि कई प्रोफाइल लोगों को घर या होटल जैसी सुविधाएं मिलने के तमाम खबरें आती है। ऐसी पहले ऐसी घटना 70 के आखिर में सुनाई दी थी। जब कांग्रेस लीडर संजय गांधी को एक फिल्म के ओरिजिनल प्रिंट जलाने के मामले में जेल हुई।
मामला तीस हजारी कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां उन्हें एक महीने के लिए तिहाड़ जेल भेजा गया इसके बाद से लगातार ऐसे ही मामले आते रहे खास लोगों को कैद के दौरान शानदार सुविधाएं मिलती हैं वीआईपी कैदियों को फाइव हॉटस्टार होटल जैसे सुविधा मिलने की बात होती है सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत राय ने जेल में शुरुआती 57 दिन के लिए 31 लाख रुपए दिए मतलब की एक दिन का 54000 शानदार होटल है। रिसोर्ट के चार जैसा है ।
सहारा के मालिक ने खर्च किए थे लाखों रुपए
हालांकि तिहाड़ जेल के अधिकारी ने इस प्रकार की अंसारी सुविधाओं के लिए खुद सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी ताकि वह जेल में बैठे हुए अपनी कुछ प्रॉपर्टी को भेज सके और अपनी जमानत का इंतजाम कर सके। आमतौर पर हाई प्रोफाइल शख्स खास कर अगर वह राजनीति या फिर किसी बिजनेस से जुड़ा है।
जेल जाता है और आर्थिक क्राइम के मामलों में ट्रायल चल रहा है तो वो अपनी सेहत के हवाले से कई सुविधाओं की मांग कर सकता है। हालांकि यह जरूर बेसिक जरूरत से जुड़ी होती है इसमें उठने बैठने के लिए कुर्सी इमेज मच्छरदानी किताबें घर का खाना दवाई जैसी चीज शामिल होती है। वह अलग बिस्तर चादर की भी मांग कर सकते हैं जो उन्हें बाहर से मुहैया कराई जाती है।
हाई प्रोफाइल को क्या छूट ?
अगर वह हाई प्रोफाइल है और साथ रहने पर सुरक्षा का डर है तो अलग सेल की भी डिमांड होती है। कोर्ट में मांग रखी जाती है और मंजूरी मिलने पर आधिकारिक तौर पर इस सुविधा भी मिलती है। जैसा कि अरविंद केजरीवाल के मामले में दिख रहा है उन्हें स्टेटस के साथ सेहत की वजह से कुछ छूट मिली है। वहीं सामान्य कैदियों को जेल का खाना मिलता है और वह बाकी कैदियों के साथ रहते हैं यह जेल प्रशासन तय करता है कि उन्हें कहां और किसके साथ रखा जाएगा।
VIP कैदी कौन कहलाते हैं ?
दरअसल कैदियों को उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर यह हक रहता है कि वह कोर्ट में अपने लिए ऐसे सुविधाओं की मांग कर सके जो विप स्टडी में है जो बाकियों को नहीं मिलती इसमें सांसद विधायक मजिस्ट्रेट जैसे लोग शामिल है बिजनेसमैन भी ऐसे सुविधाओं के डिमांड कर सकते हैं यह VIP सेल में रखे जाते हैं जो बाकी सेल से अलग है इसकी वजह इतनी है कि वह सुरक्षित रह सके।