Ajab-Gajab: इस राज्य की कोर्ट ने सुनाया अनोखा फैसला, यहां पति नहीं पत्नी देगी हर महीने 5000 का मुआवजा, जानें पूरी कहानी

Ajab-Gajab: मध्य प्रदेश की एक फैमिली कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया है जिसको लेकर सभी लोग हैरान है आमतौर पर अदालतों के फैसले को सुनने में मिलता है की पत्नी को जिंदगी गुजारने के लिए भरण पोषण की जिम्मेदारी पति को उठानी होगी इसके लिए हर महीने कुछ पैसे देने होंगे लेकिन इस मामले में बिल्कुल उल्टा हुआ है और कोर्ट ने आदेश दिया है पत्नी को कि वह अपने पति को हर महीने ₹5000 देगी जिससे पति का भरण पोषण हो सके ।

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कोर्ट ने जिस व्यक्ति के हक में फैसला सुनाया है वह उज्जैन का रहने वाला है उसने दिसंबर 2023 में अपनी पत्नी नंदिनी के खिलाफ केस किया था और दो महीने बाद 2024 में कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया अमन के वकील के मुताबिक साल 2020 में उसने मुवक्किल अमन के कॉमन फ्रेंड के जरिए नंदिनी से हुई थी। दोनों की बातचीत आगे हुई और नंदिनी ने अमन को प्रपोज किया 2021 में अमन और नंदिनी की आर्य समाज मंदिर में शादी हुई और दोनों लोग इंदौर के मकान में किराए पर रहने लगे।

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Ajab-Gajab: अमन के वकील ने क्या कहा ?

अमन के वकील का कहना है की फैमिली कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत यह फैसला सुनाया अधिनियम की धारा 24 के तहत अदालत में यह देखा कि क्या आवेदक के पास अपने समर्थन और कार्यवाही की आवश्यक खर्चों के लिए पर्याप्त स्वतंत्र आए नहीं है और फिर करवाई और इस तरह के खर्चे का फैसला करना होगा आवेदन की खुद किया और प्रतिवादी किया है इसको को ध्यान में रखते हुए अदालत हर महीने के लिए उचित आय तय करेगी। इस धारा की तुलना अधिनियम की धारा 25 से की जा सकती है।

अमन को उसकी पत्नी देगी भत्ता

जो स्थाई गुजरा भत्ता और भरण पोषण से संबंधित है धारा 25 के तहत अदालत प्रतिवादी को आदेश दे सकती है कि वह प्रतिवादी की अपनी आय और अन्य संपत्ति को ध्यान में रखते हुए आवेदक को जिंदगी भर उसके भरण पोषण और समर्थन के लिए एक मस्त या मासिक या अधिक राशि का भुगतान करें।

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अमन की पत्नी नंदिनी ने अपने पति को हर महीने भत्ता देने में असमर्थता जताया है। और कहा कि वह बेरोजगार है नंदिनी का खंडन करते हुए अमन ने अदालत को कहा कि जब वह ननंदी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास गया तो उसने मेरे लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई उस वक्त उसने पुलिस को बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है।

अमन को हर महीने देगी 5000 का भत्ता

नंदिनी ने कोर्ट में कहा कि वह कोई काम नहीं कर रही जबकि अमन कमाता है लेकिन वह इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। इसलिए कोर्ट ने अपना फैसला अमन के पक्ष में सुनाया कोर्ट ने कहा कि अब अमन को नंदिनी के साथ नहीं रहना होगा और उसकी पत्नी से उसे हर महीने ₹5000 मिलेंगे अमन ने कोर्ट को बताया कि नंदिनी के साथ शादी करने के बाद वह अमन को परेशान करने लगी थी ।

समझाने की काफी कोशिश की उसने उसके बाद नंदिनी का व्यवहार नहीं बदला इन सभी परिस्थितियों से निराश होकर वह शादी के 2 महीने बाद ही सितंबर 2021 में नंदिनी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास चला गया । इसके बाद दिसंबर 2023 में अमन ने अपनी पत्नी नंदिनी के खिलाफ अदालत का रुख किया।

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अमन ने अपना दुख बताते हुए कोर्ट के समक्ष कहा कि मैं सिर्फ 12वीं पास हूं । मैं कॉलेज में एडमिशन तो ले लिया लेकिन नंदिनी की वजह से मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी मैं बेरोजगार हूं अमन के वकील ने कहा कि नंदिनी और उसके परिवार वालों ने अमन पर दबाव बनाकर जबरदस्ती उसके साथ शादी की और वह दोनों किराए के कमरे में रहते थे तो नंदिनी ने उसका उत्पीड़न किया।

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