Ashutosh Maharaj: कौन है आशुतोष महाराज जिसको जिंदा करने के लिए साध्वी आशुतोषाम्वरी ने ली समाधि, क्या है राज ?

Ashutosh Maharaj Ashutosh Maharaj-Sadhvi Guru Maa Ashutoshamvari: यूपी की राजधानी लखनऊ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है दरअसल यहां के आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी 2024 को समाधि लेकर पूरे देश में सनसनी फैला दी। समाधि से ठीक पहले उन्होंने अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया था वह अपने गुरु ज्योति जागृती संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज जी को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही है ऐसा उनका कहना था।

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फिलहाल दिव्या ज्योति जागृती संस्थान के अनुयायियों में सबसे पहले समाधि और फिर जिंदा होने का विश्वास उनके गुरु आशुतोष महाराज की वजह से ही है। अब उनके शिष्य गुरु मां साध्वी आशुतोषाम्वरी के शरीर को भी सुरक्षित रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाल दी गई है दरअसल आनंद आश्रम के बाबा महादेव प्रवक्ता महामंडलेश्वर ने बताया कि 28 जनवरी को सुबह 4:33 पर गुरु मां ने समाधि ली थी। समाधि लेने जाने से पहले उन्होंने अपने गुरु महाराज आशुतोष जी को उनके शरीर में वापस लाने के लिए ऐसा किया ।

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जब तक वह अपने गुरु को समाधि से निकाल कर उनके शरीर में वापस नहीं ले आती तब तक उनके शरीर की रक्षा की जाएगी। यही कारण है कि उनके पूरे शरीर पर लेप लगाकर रखा गया है। आश्रम के संस्थापिका के समाधि लेने के बाद जैसे ही यह बात सामने आई वैसे ही देश भर में फैल गई। लोगों ने से पाखंड और अंधविश्वास का नाम दे दिया बड़े-बड़े वैज्ञानिक मेडिकल टीम को भेज कर जांच करने की मांग कर रहे हैं।

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हैरान करने वाली बात तो यह है कि यहां पर गुरु मां के दर्शन के लिए भीड़ लगने लगी है उनको शरीर में वापस लाने के लिए पूरे आश्रम में यज्ञ और हवन किया जा रहा है।

आखिर कौन है यह आशुतोषाम्वरी ?

बतादें की आनंद आश्रम के प्रवक्ता बाबा महादेव ने बताया कि इनका जन्म बिहार में हुआ था । दिल्ली में दक्षिणा हासिल की और दिल्ली में ही लंबे समय से रहने के बाद आश्रम आ गई। इसके बाद लखनऊ आकर उन्होंने प्रवचन देना शुरू किया और लोगों को अध्यात्म से जोड़ा।

कौन है आशुतोष महाराज ?

आपको बता दें कि ज्योति जागृती संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ली थी समाधि लेने से पहले उन्होंने अपने भक्तों से कहा था कि वह फिर से लौट कर आएंगे उनके इस बात पर विश्वास करके भक्तों ने उनके शरीर को सुरक्षित रख लिया आशुतोष महाराज के शरीर को पंजाब के जालंधर के नूर महल में सुरक्षित रखा गया है । उनके शरीर को डीप फ्रिजर किया गया है ताकि खराब ना हो हालांकि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उनका निधन हो चुका है। लेकिन उनके शिष्य इस बात पर यकीन करने को राजी नहीं है।

उनका कहना है कि वह ब्रह्म ज्ञान की साधना में है शिष्यों का दावा है कि आशुतोष महाराज फिलहाल अतर्ध्यान है लेकिन वह जरूर वापस आएंगे ।

आशुतोष जी का नीजि जीवन

आशुतोष जी का जन्म 1946 में बिहार के मधुबनी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ उनका नाम महेश कुमार झा था। आशुतोष ने 80 के दशक में जालंधर के पास नूर महल में दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की नींव रखी । मीडिया रिपोर्ट की माने तो पंजाब में उनके 65 और देश भर में 350 आश्रम है । इतना ही नहीं अमेरिका ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया में आशुतोष महाराज के नाम से भी आश्रम है उनकी कीमत हजार करोड़ों में बताई जाती है। कहा जाता है कि अकेले नूर महल में 300 करोड़ से ज्यादा की नकदी है।

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