Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, रामलला की नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पीएम मोदी के हाथों द्वारा की जाएगी। इसी बीच पुरानी मूर्ति को लेकर बहस छिड़ी हुई है लोगों के मन में कई तरीके के सवाल आ रहे हैं कि अगर नई मूर्ति को जगह दे दिया गया तो पुरानी मूर्ति का क्या होगा?
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राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने इसको लेकर लोगों के हर सवाल को दूर किया है उन्होंने कहा है कि रामलला ने अभी तक वनवासी की तरह जीवन व्यतीत किया अब उनकी राजा की तरह पूजा की जाएगी उन्होंने कहा कि रामलला बहुत ही समस्या में रहे हैं 6 दिसंबर के बाद रामलाल टेंट में रहे किसी तरह पूजा अर्चना होती रही अभी वह अस्थाई मंदिर में थे, लेकिन 28 साल के बाद भव्य मंदिर बना है अभी तक और व्यवस्थित ही रहे हैं वनवासी की तरह सारी व्यवस्था रही अब रामलल की पूजा अर्चना राजा की तरह होगी।
Ayodhya Ram Mandir: सुख के बाद दुख, दुख के बाद सुख
पूरे विधि विधान के साथ होगी जैसे सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख आता है वैसे ही ठीक रामलला के साथ हुआ है, मुख्य पुजारी ने पुराने दिनों को याद किया और कहा कि अयोध्या में वर्षों से रामलला कठिनाई में रहे हमको भी कठिनाई हो रही थी लेकिन अब यह कठिनाई समाप्त हो चुकी है दुख के दिन दूर हो चुके हैं नई मूर्ति पर उन्होंने कहा कि दोनों में बस आकार का अंतर है दूर से दर्शन में कठिनाई होती है नया मंदिर तो नई मूर्ति चाहिए प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब दर्शन के लिए खोला जाएगा तब लोगों को दोनों मूर्तियों को दर्शन कराए जाएंगे।
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गर्भगृह में दोनों मूर्तियां रहेगी पुरानी मूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि जिसका उससे अधिक लगाव होगा उसे उस मूर्ति के दर्शन से उतनी प्रसन्नता होगी लोग दोनों मूर्तियों के लाभ उठा पाएंगे।