Biography of Manoj Tiwari: चट देनी मार देनी खींच के तमाचा ही-ही हस देना रिकिंया के पापा…अब तो आप समझ गए होंगे हम किस की बात कर रहे है जी हां हम मनोज तिवारी की बात कर रहे है। दरअसल जब भी मनोज तिवारी का जिक्र आता है तो दिमाग में उस इंसान की कई छवियां बनने लगती है। कभी फैंस की वाहवाही, तो कभी गाने के मधुर सुर, तो कई भोजपुरिया मूवी तो कभी क्रिकेट के मैदान पर अनोखा अंदाज तो कभी राजनीतिक बयानों से चर्चा की बात ।
बात चाहे जो भी हो मनोज तिवारी का जिक्र जरुर आता है। फिलहाल मनोज तिवारी बीजेपी से लोकसभा सांसद है। आज मनोज तिवारी बड़े औवधे पर हैं और चाहनेवाले भी उनके लाखो-करोड़ों हैं। आज जिस मुकाम पर मनोज तिवारी है वो तो सबको दिखाई देता है लेकिन मनोज तिवारी इस मुकाम पर पहुचने के लिए किन दिनों से गुजरे है शायद ये किसी को नहीं पता तो चलिए आज आपको मनोज तिवारी के संघर्ष से सफलता तक की कहानी बताते है।
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मनोज तिवारी का निजी जीवन
मनोज तिवारी का जन्म 1 फरवरी 1971 को बनारस के कबीर नगर चौराहा कॉलोनी में हुआ था। बचपन से ही मनोज को कला में रुचि थी और वे कम उम्र से ही स्टेज शोज करने लग गए थे। कभी वे रामलीला में महिलाओं के कैरेक्टर प्ले करते थे तो कभी प्ले डायरेक्ट करने लग जाते थे। कभी-कभी तो बैठे-बैठे गानों की लिरिक्स ही लिखने लग जाते थे। भगवान ने उनके अंदर हुनर कूट-कूटकर भरा था, और जिसपर प्रभु की कृपा हो उसका भला क्या ही कहना।
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भक्ति एलबम से बदली मनोज तिवारी की किस्मत
आपको जानकार हैरानी होगी की मनोज तिवारी की किस्मत भी भक्ति एलबम से ही बदली। साल 1991 में मनोज तिवारी को बनारस में गंगा आरती में परफॉर्म करने का मौका मिला ये उनके लिए एक बड़ा अवसर था। साल 1991 के बाद मनोज तिवारी की किस्मत चमक गई और दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की करने लग गए बड़े बड़े स्टेज शो मिलने लगे और उनका नाम होने लगा था।
अपना पहला एल्बम लॉच किया
वर्ष 1995 में मनोज तिवारी ने एक एल्बम निकाला जिसका नाम था शीतला घाट पे काशी मे। मनोज तिवारी का ये एल्बम बहुत हिट हुआ और इसका गीत बाड़ी शेर पे सवार खूब पॉपुलर हो गया। उस वक्त हर किसी के जुबां पर यही गाना था। हर तरफ इस गाने की चर्चा थी देखते ही देखते मनोज तिवारी कहां से कहां पहुंच गए। उसके बाद उन्होंने जितने भी भक्ति एलबम निकालें सब हिट पर हिट होते गए।
गायक तो बन गए लेकिन एक्टर
गायक के तौर पर तो मनोज तिवारी फेमस हो गए लेकिन एक एक्टर के तौर पर अभी प़ॉपुलर होना बाकी था, और उनके इसी पॉपुलैरिटी के साथ ही भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का भी आगे बढ़ना था। 2003 का वो साल जब मनोज तिवारी की फिल्म ससुरा बड़ा पैईसावाला रिलीज हुई फिल्म को लोगों ने खूब पंसद किया इसके बाद हर तरफ मनोज तिवारी छा गए और भोजपुरी इंडस्ट्री उनके नाम से पहचानी जाने लगी।
आज भी मनोज तिवारी भोजपुरी इंडस्ट्री को रिप्रेजेंट करते है और वो बड़े स्टार है इसमें कोई शक नहीं है। उनके टैलेंट का उपयोग बॉलीवुड ने भी किया। डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में मनोज तिवारी से गाना गवाया जिसके बोल थे जियो हो बिहार के लाला।
एक्टर नहीं क्रिकेटर बनना चाहते थे मनोज तिवारी
आपको जानकार हैरानी होगी की मनोज तिवारी ना तो सिंगर बनना चाहते थे ना ही एक्टर बल्कि एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि वो क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वो कुछ और ही बन गए खैर आज भी वो लीग्स में खेलते है और लोग उनकी सराहना करते है।
Biography of Manoj Tiwari: राजनीति में एंट्री
मनोज तिवारी ने अपनी पॉपुलैरिटी के दम पर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने सबसे पहले गोरखपुर से समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा था। सबसे पहले उन्होंने यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा था। लेकिन इस दौरान मनोज तिवारी चुनाव हार गए फिर साल 2014 में उन्होंने बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ा और जीत गए। मौजूदा समय में वे बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं।