Budhanilkanth Temple: भगवान विष्णु का इकलौता मंदिर, जहां सो रहे है विष्णु जी, जानिए रोचक तथ्य

Budhanilkanth Temple:वैसे तो देश में बहुत ही सारे मंदिर है देश में आपको विष्णु भगवान के भी बहुत सारे मंदिर मिल जाएंगे जो अपनी सुंदरता और चमत्कार के लिए जाने जाते हैं, लेकिन नेपाल के शिवपुरी में स्थित बुद्ध नीलकंठ मंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है क्योंकि इस मंदिर में दुनिया की इकलौती विष्णु जी की प्रतिमा है जो शेषनाग पर विश्राम अवस्था में स्थापित है ।

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मंदिर नेपाल के काठमांडू से 8 किलोमीटर दूर शिवपुरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु नेपाल पहुंचते हैं चलिए आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ और खास चीज बताते हैं ।

कई वर्षों से तालाब में निद्रा अवस्था में भगवान विष्णु

दरअसल नेपाल के बुद्ध नीलकंठ मंदिर में भगवान विष्णु जी की एक मूर्ति कई वर्षों से तालाब में निद्रा की मुद्रा में है यह मूर्ति 11 नागों की शर्प आकार कुंडली में विराजमान है और भगवान विष्णु के सिर पर 11 नागों का क्षेत्र बना हुआ है इस मूर्ति की लंबाई 5 मीटर है जिसमें श्री हरि के पर विश्राम निद्रा की मुद्रा में लेटे हुए हैं।

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Budhanilkanth Temple: क्या कहती है पौराणिक कथा ?

पौराणिक कथा की माने तो जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था तो उसे भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया विष के कारण शिव जी का कंठ जलने लगा तब उन्होंने विष के प्रभाव को कम करने के लिए एक स्थान पर त्रिशूल का पहाड़ प्रहार किया जिससे झील का निर्माण हुआ शिव जी ने अपने गले के जलन को शांत करने के लिए इस झील के पानी को पी लिया। इसको गोसाई कुंड झील कहा जाता है।

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मंदिर को लेकर तमाम मान्यताएं

मान्यता है कि बुद्ध नीलकंठ में गोसायन कुंड का जल मिलता है इसलिए इस मंदिर को बुद्ध नीलकंठ के नाम से जाना जाता है। साथ ही ये भी मान्यता है की मूर्ति किसान को खेत में काम करने के दौरान मिली श्रद्धालुओं का मानना है कि मंदिर में अगस्त महीने में वार्षिक शिव उत्सव के समय झील के नीचे भगवान शिव की छवि भी देखने को मिलती है केवल एक महीने सावन में ही ऐसा होता है।

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