CJI: चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया CJI ने एक बड़ी बात कही है और कहा है कि बड़ी मुश्किल से आराम करने का मौका मिलता है सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह बात प्रयागराज में कोट्स आफ पुस्तक की लॉन्च के दौरान कही उन्होंने जो कहा वह बहुत ही ज्यादा इमोशनल था दरअसल लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपने संबोधन में कहा की छुट्टियों को लेकर हम लोगों की बहुत ही ज्यादा आलोचना होती है लोग कहते हैं की बहुत छुट्टी मिलती है। लेकिन इस बात को लोग नहीं समझने की सातों दिन काम करना पड़ता है।
CJI: सीजेआई चन्द्रचूड़ ने क्या कहा ?
सीजाआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि हमारे जिला जज हर रोज काम करते हैं शनिवार और रविवार को भी वह लीगल एड कैंप या फिर प्रशासनिक कामकाज में बिजी रहते हैं सुप्रीम कोर्ट के जज विज्ञान में काम करने वाले सम्मेलन और लेक्चरर की जानकारी देते हैं।
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ताकि इसको जनता के सामने प्रेजेंट किया जा सके पहले कोर्ट रूम में केवल किसी मामले के सुनाई पर ध्यान दिया जाता था वहां बहुत ज्यादा 100 लोग मौजूद रहते थे हालांकि अब लाइव स्ट्रीमिंग होने की वजह से पूरे देश हम लोगों को देखते हैं इसलिए जज पर भी एक दबाव होता है कि क्या बोलना है और क्या नहीं ।
‘कानून का उपयोग अन्याय और उत्पीड़न के लिए…’
आपको बता दे इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई चंद्रचूड़ ने इसके साथ ही एक बहुत ही ज्यादा हैरान करने वाली बात कही उन्होंने कहा कि अपनी औपनिवेशिक काल में हमें याद दिलाता था कि कानून का उपयोग न्याय के रूप में किया जा सकता है लेकिन इसका उपयोग उत्पीड़न और अन्य के साधन के रूप में भी किया जा सकता है।
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यह इस पर डिपेंड करता है कि कानून किसके हाथ में है समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने ने कहा कि आपके पास वही भारतीय दंड संहिता थी जिसका उपयोग 1860 से किया गया था और जिसे हम आज भी नया कानून लागू होने तक उपयोग करते हैं वही कानून जिसका इस्तेमाल स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डालने शासन के विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए किया जाता था।