Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर के अंदर स्थित मौजूद व्यास जी का तहखाना चर्चा में है। आखिर तहखाने के अंदर ऐसा क्या है , कौन है व्यास परिवार इस परिवार को कैसे मिला यहां पूजा का अधिकार। चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं सबसे पहले यह बता दें कि वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाना में पूजा-आरती शुरू हो गए । तकरीबन 31 साल पहले साल 1993 में यहां पर पूजा पाठ करने पर रोक लगा दी गई थी तभी से व्यास परिवार कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा था।
Gyanvapi: क्या है व्यास जी का तहखाना ?
चलिए अब यह जानते हैं कि आखिर क्या है व्यास जी का तहखाना और व्यास परिवार कौन है। उनको यहां पर पूजा का अधिकार कैसे मिल गया। चलिए शुरुआत करते हैं और आपको बताते हैं दरअसल ज्ञानवापी परिवार के अंदर 10 तहखाना हैं। व्यास जी का तहखाना इन्हीं 10 तहखाना में से एक है। इस तहखाना का कारपेट एरिया 900 स्क्वायर फीट का है और 7 फीट इसकी ऊंचाई है व्यास जी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद के बैरिकेड वाले दक्षिणी हिस्से में स्थित है ।
कहां स्थित है व्यास जी तहखाना ?
यह तहखाना काशी विश्वनाथ परिसर के गर्भ गिरी के पास नंदी की जो मूर्ति है उसके ठीक सामने है। व्यास जी के तहखाने के अंदर भगवान शिव, गणेश, कुबेर,हनुमान और मां गंगा की मगरमच्छ की सवारी वाली मूर्तियां है। व्यास परिवार के वकील सुभाष चतुर्वेदी के मुताबिक के परिवार तहखाना में 200 साल से ज्यादा समय से पूजा पाठ करते आ रहा है। अगर व्यास परिवार के इतिहास की बात करें तो पंडित केदारनाथ से इनका इतिहास शुरू होता है जो दुर्लभ पांडुलिपियों और कई ग्रंथ के रचयिता है परिवार का दावा है कि उनके वंशज 1551 से ज्ञानवापी में पूजा करते रहे ।
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साल 1880 से ज्ञानवापी मस्जिद प्रशासन के खिलाफ लड़ाई भी लड़ रही हैं व्यास परिवार को ज्ञानवापी परिसर का तहखाना अंग्रेजों द्वारा मिला साल 1819 में बनारस में हिंदू मुस्लिम लड़ाई हुई और इसी लड़ाई को शांत करने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने तहखाना वाला हिस्सा हिंदू पक्ष को दे दिया था और जो तहखाना के ऊपर वाला हिस्सा था मुस्लिम को दे दिया था । उस वक्त व्यास परिवार ज्ञानवापी के ठीक बगल में रहा करता था और सोमनाथ व्यास यहां पर पूजा आरती करने आते थे।
अग्रेंजो ने दिया था पूजा का अधिकार
अंग्रेजो ने इसी व्यास परिवार को तहखाना में पूजा पाठ करने की इजाजत दी। हालांकि बाद में जो तहखाना है वह इन्हीं के नाम पर यानी व्यास जी तहखाना के नाम से फेमस हो गया। तब से परिवार इसी तहखाना में पूजा पाठ करते आ रहा है हालांकि बाबरी मस्जिद बिंध्वंस बाद यूपी के तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने तहखाना के अंदर एंट्री और पूजा आरती पर रोक लगा दी थी इसके बाद व्यास परिवार अदालत में अर्जी लगाया उसके बाद वह लड़ाई लड़ रहा था ।
ब्यास परिवार की तरफ से आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के जो मुख्य पुजारी शैलेंद्र पाठक व्यास ने याचिका दायर की और वह सोमनाथ व्यास के नाती हैं अदालत के आदेश मिलने के बाद तहखाना में पूजा पाठ शुरू हो गई व्यास परिवार ने जिला प्रशासन की मौजूदगी में बैरिकेडिंग को हटाकर लोहे का गेट लगवाया और यहां पर पूजा आरती तकरीबन 31 साल बाद शुरू हो गई है अब यहां पर लोग जा रहे हैं और पूजा आरती कर रहे हैं।