Gyanvapi: क्या है व्यास जी का तहखाना, 1993 से यहां पर क्यों थी एट्री बंद, जानें सबकुछ ?

Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट से हिंदू पक्ष को पूजा की अनुमति मिल गई है इस फैसले की बात पूरे देश की निगाहें इसी मसले की तरफ है । सभी की नजरे वाराणसी पर ही है आने वाले दिनों में इसको लेकर और भी ज्यादा हलचल देखने मिल सकती है। हालांकि शुरुआती फैसले में ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट से पूजा की अनुमति मिलने के बाद हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है तो वहीं मुस्लिम पक्ष नाराज है ।

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क्या है व्यास जी तहखाना ? What is Vyas ji basement ?
क्यों थी यहां पर एंट्री बंद ?
1993 से यहां पर क्यों नहीं कर सकते थे पूजा ?
31 साल बाद कैसे मिली अनुमति ?

1993 से यहां पर थी एंट्री बंद

अब यहां स्थित व्यास का तहखाना में पूजा हो रही है अर्चना हो रही है आरती हो रही है ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि आखिर व्यास जी का तहखाना है क्या और साल 1993 से यहां पर एंट्री क्यों बंद थी। आपको बता दें कि कोर्ट के फैसले के बाद अगले 7 दिनों में यहां पूजा और व्यास जी के तहखाना में एंट्री के लिए सारी तैयारियां हो जाएंगे इस पर अभी से प्लानिंग शुरू हो गई है।

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Gyanvapi: देर रात से पूजा-आरती


इससे पहले बुधवार रात कोर्ट के आदेश के बाद तहखाना में जिला प्रशासन और वकीलों की उपस्थिति में पूजा आरती की गई गुरुवार सुबह 3:00 बजे से ही यहां पर बड़ी संख्या में लोग पूजा आरती करने के लिए खड़े रहे पूजा आरती का सोशल मीडिया पर वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें ब्याज जी के तहखाना में आरती होती हुई नजर आ रही है।

चलिए बताते हैं आपको की व्यास जी का तहखाना है क्या ?

दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भगवान नदी है नंदी जी के सामने ही व्यास का तहखाना है । इसी जगह साल 1993 तक हिंदू पक्ष के लोग पूजा अर्चना करते थे हालांकि विवाद के चलते नवंबर 1993 में यहां पर पूजा बंद करवा दी गई उस वक्त समाजवादी पार्टी की सरकार थी 31 साल तक यहां पर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी।

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कोर्ट ने दिया साफ निर्देश

हाल ही में कोर्ट के निर्देश के बाद ASI ने यहां सर्वे किया सर्वे के रिपोर्ट के बाद ही व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना की अनुमति दी। सर्वे रिपोर्ट के बाद व्यास के तहखाना में साफ सफाई की गई और यह रिपोर्ट अदालत के पास जमा करवाई गई । जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यहां पुराने ढांचे के ऊपर मस्जिद को बनाया गया ।

रिपोर्ट के मुताबिक इस मस्जिद को दो चरणों में बनाया गया जिसमें पहले पश्चिम दिशा में गुंबद और मीनार थे फिर आगे का निर्माण किया गया। अभी यहां पर पूजा अर्चना हो रही है इसी के साथ जो पोस्टर लगे थे ज्ञानवापी मस्जिद के लोगों ने उसको भी हटाकर वहां पर ज्ञानवापी मंदिर लगा दिया है मामला सुर्खियों में बना हुआ है।

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