Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ED की टीम पूछताछ कर रही है उनकी आवास पर पहुंच गई थी इससे पहले ईडी की टीम दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची थी। सीएम सोरेन रांची के कथित जमीन घोटाले में फंसे हुए हैं।
ईडी मनी लॉन्ड्रिग मामले में जांच कर रही है
ईडी इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है इस मामले में ईडी ने कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है जिन्हें मुख्यमंत्री सोरेन का करीबी माना जाता है। ईडी अब तक सोरेन को 10 समन जारी कर चुकी है इस मामले में कई दिनों से लगातार कई घंटे तक पूछताछ हुई थी सोमवार को ईडी की टीम दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंची थी लेकिन हेमंत सोरेन वहां पर नहीं मिले थे उसके बाद भाजपा ने उन पर कई सारे आरोप लगाए थे।
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हेमंत सोरेन किए जा सकते है गिरफ्तार ?
ईडी की जांच में घिरे हेमंत सोरेन को लेकर अब दो तरह की के आशंका है पहले यह की उनको गिरफ्तार किया जा सकता है और दूसरा यह भी कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं ।
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संविधान में क्या है प्रावधान ?
दरअसल संविधान के अनुच्छेद 361 में राष्ट्रपति और राज्यपाल की गिरफ्तारी से छूट मिलती है यह छूट सिविल और क्रिमिनल दोनों ही मामलों में है राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए ना तो गिरफ्तार किया जा सकता है और ना हिरासत में लिया जा सकता है।
इसके साथ ही कोई अदालत में उनके खिलाफ आदेश भी नहीं जारी किया जा सकता है हालांकि अगर वह पद से हट जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार और हिरासत में दोनों किया जा सकता है ।वही कानून में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली है लेकिन क्रिमिनल मामलों में नहीं मिली है।
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किसी को हिरासत में लिया जा सकता है पद पर रहते हुए ?
हालांकि अगर मुख्यमंत्री या विधानसभा के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार या हिरासत में लेना है तो सदन के अध्यक्ष से मंजूरी लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी है इसके अलावा 40 दिन पहले उसे दौरान और उसके 40 दिन बाद तक ना ही किसी सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है और ना हिरासत में लिया जा सकता है।
क्या मुख्यमंत्री को किया जा सकता है गिरफ्तार ?
ऐसे में एक सवाल तो क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा आपको बता दें कि लालू यादव को जब साल 1997 में गिरफ्तार किया गया था तब उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। दरअसल मार्च 1996 में पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाले की जांच सीबीआई को जून 1997 में सीबीआई ने मामले में पहली चर्चित दाखिल की इसमें लालू यादव का नाम था चर्चा में नाम आने के बाद लालू ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया ।
जिसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी सीएम बनी संविधान में मुख्यमंत्री को सिर्फ सिविल मामलों में गिरफ्तारी से छूट है लेकिन क्रिमिनल मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है ।
आपको बता दें कि साल 2014 में बेंगलुरु के कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को भी दोषी ठहराया था जब जयललिता 2011 में तमिलनाडु की सीएम बनी थी तब तक वह इस मामले की जांच चल रही थी और तब तक वह पद पर थी।
दोषी ठहराए जाने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि अगर किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया भी जाता है तो वह इस्तीफा देने के लिए कानूनन बाध्य नहीं है मुख्यमंत्री तभी अपने पद से इस्तीफा दे सकता है जब किसी उसे किसी क्रिमिनल मामले में दोषी ठहराया जाए दरअसल 1951 जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 के तहत अगर किसी विधायक या संसद को किसी मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है तो तत्काल इसकी सदस्यता रद्द हो जाती है साथ ही उसके चुनाव लड़ने पर 6 साल तक की रोक लग जाती है।