Iddat: क्या है इद्दत जिसको नहीं मानने पर Imran Khan और उनकी पत्नी को हुई सजा ?

Iddat: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त चर्चा में है दरअसल चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन मामलों में सजा सुनाई गई है। ताजा मामला है अवैध शादी का दरअसल 3 फरवरी को रावलपिंडी में सिविल जज ने इमरान और उनकी तीसरी पत्नी बुशरा खान के खिलाफ एक फैसला सुनाया मामले को खुद बुसरा के पूर्व पति फरीद मनिका कोर्ट तक लेकर गए। उनका कहना था कि इमरान से रिश्ते के समय बुशरा का इद्दत का समय चल रहा था। इस दौरान ही दोनों ने निकाह किया जो पाकिस्तान पीनल कोर्ट की धारा 496 के तहत एक अपराध की श्रेणी में आता है।

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ऐसे में लोग यह जाना चाहते हैं कि ये इद्दत क्या होती है तो चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर क्या है इद्दत ।

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Iddat: क्या है इद्दत ?

दरअसल इसका पालन किसी महिला को तब करना होता है जब उसके शहर की मौत हो जाती है इस दौरान एक महिला एक तय समय तक शादी नहीं कर सकती है तकरीबन यह समय 4 महीने लंबा होता है तलाक के बाद का यह वेटिंग पीरियड मानना बहुत जरूरी है । इस अवधि को कुरु कहते हैं हालांकि आम बोलचाल की भाषा में इसको इद्दत कहा जाता है।

इद्दत का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

इद्दत का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस दौरान महिला गर्भवती तो नहीं है अगर इद्दत का समय पूरा किए बगैर महिला शादी कर लेती है और इसके बाद उसकी प्रेगनेंसी सामने आ जाए तो यह हो सकता है कि बच्चे की वैधता पर शक हो जाता है। इसी शक को दूर करने के लिए इद्दत की अवधि लंबी रखी जाती है ताकि प्रेगनेंसी हो तो पता चल जाए इसमें यह भी है कि गर्भवती होने पर महिला बच्चे के जन्म तक नई शादी नहीं कर सकती है इसका एक और मकसद है कि नए रिश्ते से पहले महिला को पूरी तरीके से पुराने रिश्ते से निकालकर नए रिश्ते के लिए तैयार करना है।

कब गैर इस्लामिक मानी जाती है शादी

अगर महिला के पति की मौत या तलाक के बाद औरत उस समय से बाहर आकर पूरी तरह से से नए रिश्ते को अपना सके। इद्दत इसी तैयारी का समय देता है इस दौरान महिला शादी नहीं कर सकती अगर वह ऐसा कर ले तो शरीयत के मुताबिक संबंध गैर इस्लामिक माना जाता है।

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अलग-अलग मामलों में इद्दत का समय अलग

हालांकि आपको बता दे की इद्दत का पीरियड अलग-अलग मामलों में अलग-अलग है । तलाकशुदा महिला के लिए यह 3 महीने की करीब की अवधि है जबकि विधवा होने पर यह 130 दिन की हो जाती है अगर महिला इस दौरान प्रेग्नेंट है तो बच्चे के जन्म तक वह नया रिश्ता नहीं बना सकती है अगर शादी अवैध हो या इस्लामी कानून का पालन नहीं किया गया हो तो इद्दत का पालन करना जरूरी नहीं है। वैसे दूसरी शादी में इज्जत की अवधि को पूरा करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है इद्दत का यह समय केवल महिलाओं पर ही लागू होता है किसी भी पुरुष तलाकशुदा पर यह लागू नहीं होता है।

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इद्दत के समय महिला कहां रहेगी

इस अवधि के दौरान महिला उसी घर में रहेगी जहां पर उसकी पति की मौत या शादी टूटने के समय वह स्थाई तौर पर रह रही थी। अगर महिला सफर कर रही है और इस दौरान उसने अपने पति की मौत हो जाती है और उसको ये खबर मालूम चली तो वो तुरंत इद्दत के लिए अपने पति की घर जाएगी। बस कुछ खास स्थितियों में ही जगह बदली जा सकती है।

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