Idol of Ramlala:अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वो समय था जिसका इंतजार सदियों से हो रहा था। कई सौ सालों के संघंर्ष के बाद 22 जनवरी, 2024 को पीएम मोदी की यजमानी में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। बता दें की ये मूर्ति बनाने का काम तीन लोगों को सौंपा गया था। हांलाकि जिनमें से दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था, और अंत में मैसूर के अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को मंदिर में स्थापित और विराजमान कर दिया गया। लेकिन आज हम आपको बताने के लिए रामलला की वह प्रतिमा, जो नहीं चुनी गई, यानी अंतिम दो में होने के बावजूद मंदिर में स्थापित नहीं हो पाई।
Idol of Ramlala: कहां है वो मूर्ति जो नहीं चुनी गई ?
दरअसल राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले सत्यनारायण पाण्डे कई पीढ़ियों से मूर्तिकारी का काम करते आ रहे हैं, और उन्होंने यह प्रतिमा सफेद मकराना संगमरमर से बनाई है। ये मूर्ति फिलहाल मंदिर ट्र्रस्ट के पास ही है और उन्हीं के पास रहेगी।
सदियों से चले आ रहे विवाद के बाद साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था और मंदिर निर्माण का आदेश जारी किया था, उसके बाद 2020 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने ही मंदिर का शिलान्यास किया था, अब 22 जनवरी 2024 को राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर आम जनता के लिए खोल दिया गया।