Marcos Commando: भारतीय नौसेना के मरीन (मार्कोस कमांडो) ने उत्तरी अरब सागर में एक बड़े जहाज से 15 भारतीयों सहित 21 चालक दल के सदस्यों को बचाया है। तभी से मार्कोस कमांडो की हर तरफ चर्चाएं शुरू हो गई है। बता दें की मार्कोस कमांडो, Indian Navy की एक स्पेशल यूनिट है, जो अपनी स्किल और गुप्त कमांडो होने के लिए जाने जाते हैं।
ये अपने कॉम्बैट स्किल और अद्भुत बहादुरी के लिए जाने जाते हैं। ऑफिशियली मरीन कमांडो को फोर्स कहा जाता है,वे हवा,पानी और जमीन पर युद्ध करने में माहिर होते हैं और समुद्र में ऑपरेशन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में बेहतरीन हैं। उनके साहस और विशेषज्ञता के कारण लोग अक्सर उनकी तुलना अमेरिका के नेवी सील्स से करते हैं।
क्या है मार्कोस या मरीन कमांडो ?
मरीन कमांडो को मार्कोस के रुप में भी जाना जाता है, ये हवा पानी और जमीन पर ऑपरेशन में स्किल भारतीय नौसेना की एक यूनिट है। स्थापना इसकी फरवरी 1987 में हुई थी, मार्कोस ने अपनी प्रोफेशनलिज्म के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है।
Marcos Commando: मार्कोस क्यों बना था ?
समुन्द्र की सुरक्षा और भारत के तट पर आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए इसकी स्थापना की गई थी। भारतीय सेना की यह स्पेशल यूनिट अमेरिकी नेवी सील और ब्रिटिश स्पेशल बोट सर्विस के तर्ज पर विकसित की गई थी। ये अपने सफल अभियानों के लिए जानी जाती है।
कैसे हो सकते हैं इसमें शामिल ?
मार्कोस कमांडो में शामिल होने के लिए आपको मार्कोस कमांडो का आदर्श वाक्य “द फ्यू द फियरलेस” है, जो इसकी टफ ट्रेनिंग के नेचर को बताता है। बहुत ही कम उम्मीदवार फाइनल सेलेक्शन तक पहुंच पाते है, और जो इसमें सेलेक्ट हो जाते है वो बहादुर कहलाते है। मार्कोस कमांडो बनने के लिए नीचे दिए गए योग्यता होनी चाहिए।
लिंग: पुरुष
उम्र: 20 वर्ष
योग्यता: नौसेना में नाविक या अधिकारी होना चाहिए
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नौकरी में मिलने वाली सैलरी
कमांडो की Salary 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है, और उनकी सैलरी स्ट्रक्चर में कई चीजें शामिल है।
एक मरीन कमांडो को बेसिक तौर पर 25,000 प्रति महीना मिलता है।
बेसिक पे के अलावा उन्हें 8,500 से 10,000 रुपये शिप ड्राइविंग अलाउंस मिलता है।
मरीन कमांडो को 25,000 रुपये का मार्कोस भत्ता दिया जाता है।
इसके अलावा मरीन कमांडो को और भी बहुत सारे भत्तें दिए जाते है।
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