Mahashivratri 2024: 8 मार्च के दिन शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा इस बार महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ सहयोग नहीं है जिसकी वजह से महाशिवरात्रि और भी खास बन गई है इस साल महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद शिव के साथ सर्वार्थ सीद्धियाों का दुर्लभ सहयोग बना रहा है। दरअसल शुक्र प्रदोष व्रत की महत्वता ये है कि उसके शुभ प्रभाव से नौकरी, बिजनेस कामयाबी मिलती है और सुख में बढ़ोत्तरी होती है। चलिए जानते है विस्तार से महाशिवरात्रि पर बनने वाले दुर्लभ संयोग और पूजा मुहुर्त के बारें में।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद दुर्लभ संयोग
ज्योतिष की मानें तो 8 मार्च को शिवरात्रि के दिन 300 साल के बाद सभी मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्यान एंव मंत्र जाप के लिए अच्छा योग और संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि पर शिव योग पूरे समय रहेगा। सूर्योदय से लेकर रात 12 बजे तक शिव योग होगा, सर्वार्थ सिद्धि योग महाशिवरात्रि की सुबह 6 से लेकर 11 बजे तक रहेगा।
Kalki Avatar Story: क्या है कल्कि अवतार, जिनके आने से सब हो जाएगा बर्बाद, पढ़िए पूरी कहानी
वैदिक पंचांग के मुताबिक माल्गुल माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ने से सर्वाधिक शुभ संयोग वाली है। शिव जी की अराधना के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग और श्रवण नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है। सिद्धि योग में महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को होगा। भक्तों को इस दिन पूजा का फल दोगुना मिलता है।
शिव योग में करे पूजा मिलेगा फल
शिव योग में सही समय पर भोलेनाथ की पूजा करने पर उनकी कृपा मिलती है और घर में शुभ कार्य के योग बनते है।
Sallekhana: क्या है संलेखना प्रथा, जो जैन समाज के लिए है खास ?
सिद्ध योग का संबंध विघ्नहर्ता श्री गणेश जी से है। इस योग में पूजा होने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है घर में शुभ योग बनते है।
श्रवण नक्षत्र के देव शनि देव है। श्रवण नक्षत्र में जो भी कार्य किया जाता है जिसका परिणाम शुभ होता है। पूर्णिमा से शिव जी की प्रिय माह सावन होता है, इसलिए इस दिन पूजा-पाठ के अलावा खरीदारी और नए कामों की शुरुआत करना भी शुभ रहेगा।