Mukhtar Ansari Biography: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस से जुड़े मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आईपीसी की धारा 466 120 भी 420 120 400 68 और 120 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था चलिए आपको मुख्तार अंसारी से जुड़े किस्से को बताते हैं। मुख्तार अंसारी की बायोग्राफी सुनाते हैं आपको बताते हैं कि मुख्तार अंसारी कौन है और अपराध की दुनिया से राजनीति में कैसे आया ।
यूपी के मऊ से सदर विधायक माफिया मुख्तार अंसारी पर तकरीबन 61 से ज्यादा केस दर्ज थे मुख्तार अंसारी के नाम की ऐसी खौफ की जेल के अंदर रहने के बावजूद भी उसके दहशत कायम थी मुख्तार अंसारी तकरीबन 18 सालों से जेल में बनता है इसके बावजूद भी उसका नाम किसी ने किसी वजह से सुर्खियों में बना रहता था । मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर वाराणसी मऊ आजमगढ़ की कई थाने में जेल में रहते हुए हत्या के मामले दर्ज हुए ।
मुख्तार अंसारी पर 61 से ज्यादा मामले थे दर्ज
60 साल के मुख्तार अंसारी पर तकरीबन 61 मुकदमे के मामलेदार थे सबसे ज्यादा गाजीपुर में चट्टी हत्याकांड में उसका नाम सबसे ज्यादा आया था की अपराध की दुनिया से सियासत की दुनिया में उसने कदम कैसे रखा।
दरअसल 90 के दशक में अपराधी अफीम और आईएएस अफसर एक साथ पैदा करने वाला गाजीपुर हमेशा से पूर्वांचल के गैंगवार की धूरी रहा इस दौरान मुख्तार अंसारी बृजेश सिंह समेत अन्य अपराधियों के नाम गाजीपुर और आसपास के जनपदों में फैलने लगे इस दौरान कई गैंग बने आपस में रंजीत अपराध की दुनिया में बड़ा नाम होने पर मुख्तार अंसारी ने सियासत में कदम रखा और 1996 में पहली बार बीएसपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की।
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इसके बाद 2017 तक लगातार मऊ सदर विधानसभा की सीट पर पांच बार विरोधियों को हरा दिया इनमें से आखिरी तीन चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेल में बंद रहते हुए लड़ा, इस दौरान उसने निर्दलीय और बाद में खुद की पार्टी कौमी एकता दल से विधायक रहा।
जेल के अंदर से लिखी जुर्म की कई दास्तां
2022 में उसने सियासत से दूरी बनाई और अपने बेटे अब्बास अंसारी को इसमें उतरा इसमें भी उसने जीत दर्ज किया लेकिन पिता मुख्तार की तरह उसका बेटा अब्बास अंसारी इस समय जेल के सलाखों के पीछे हैं। गाजीपुर में कैसे हुआ था कृष्णानंद हत्याकांड उसमें भी मुख्तार अंसारी का नाम आया था आपको जानकर हैरानी होगी कि मुख्तार अंसारी की जो दादा थी वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। दरअसल माफिया मुख्तार के परिवार की गिनती गाजीपुर में बड़े सियासी घराने के रूप में होती थी । मुख्तार से पहले उसके परिवार में आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई नहीं था मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे ।
मुख्तार अंसारी के चाचा उपराष्ट्रपति
मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया लेकिन उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की वजह मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में शोहरत हासिल करना ज्यादा बेहतर समझा रखने वाले कम्युनिस्ट बैकग्राउंड से आने वाले मुख्तार के पिता सुभान अल्लाह अंसारी स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा है।
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मुख्तार अंसारी ने जेल के अंदर रहते हुए भी अपराध की दुनिया में जुर्म के जरिए कई वारदात को अंजाम दिया 2017 में योगी आदित्यनाथ की जब सरकार बनी थी उसके बाद उसे पर शिकंजा करना शुरू हुआ पंजाब जेल से लाने के बाद यूपी के बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को रखा गया मऊ गाजीपुर लखनऊ में लगभग कई सौ करोड रुपए के मुख्तार अंसारी के संपत्ति को जब्त और नष्ट की जा चुकी है।
सख्त कानून के तहत जेल में डाला गया मुख्तार के बेटे समय परिवार के दूसरे लोगों पर भी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज है एक दौर था जब तीन-चार साल पहले तक मुख्तार लखनऊ में जेल में बनता लेकिन बिहार के नाम पर उसे दरबार किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में लगता था लेकिन यह सब अब बीते दौर की बातें हो गई है मुख्तार अंसारी की बादशाहत अब कायम नहीं रही और उसे आजीवन कारावास के सजा सुना दी गई है।