Ayodhya Ram Mandir: रामलला विराजमाम हो चुके हैं, 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन भव्य समारोह में कर दिया गया है। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए इस कार्यक्रम को देशभर के कई शहरों में सीधा प्रसारण किया गया और भक्तों को इसमें वर्चुअली भी शामिल किया गया।
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प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद 23 जनवरी से भक्तों के लिए मंदिर हर वक्त खुला रहेगा 9 नवंबर 2019 को एक सदी से भी अधिक पुराने एक मुद्दे का निपटारा करते हुए भारत की मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों के बीच में मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था फैसला सुनाया था और यूपी के पवित्र शहर में एक मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ का जमीन खोजा जाएगा ये का था। अब जब प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन हो गया है तो यहां राम मंदिर के बारे में दिलचस्प फैक्ट्स पर एक नज़र, जो आपको जानना जरुरी है…
राम मंदिर हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है इसलिए एक पवित्र स्थान माना जाता है भगवान राम हिंदुओं के आराध्य है।
Ayodhya Ram Mandir: मंदिर की आधारशिला कब रखी गई थी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के आधारशिला रखी है इसके साथ ही करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतीक अयोध्या नगरी में तमाम उत्सव शुरू हो गए थे>
मंदिर का प्रबंधन कौन करता है ?
अयोध्या में बने राम मंदिर के मामलों का प्रबंधन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया जाता है, चलिए राम मंदिर के बारे में रोचक तथ्य आपको बताते हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक मंदिर का निर्माण पारंपरिक नगर शैली में किया गया है लंबाई 380 फीट चौड़ाई 250 फीट ऊंचा 161 फीट ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर कहा है कि यह तीन मंजिला है जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी इसमें कुल 392 खंबे और 44 दरवाजे हैं।
पांच मंडप या हाल है उनके नाम नृत्य मंडप , रंग मंडप , सभा मंडल, प्रार्थना और कीर्तन मंडप है। मंदिर में प्रवेश पूर्व से है और भक्तों को यही से होकर 32 सीढ़ियां चढ़नी है ट्रस्ट ने ये भी कहा है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। दिलचस्प बात यह है कि मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर सूर्य देवता, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित है। मां अन्नपूर्णा का मंदिर उत्तरी ओर है जबकि हनुमान मंदिर दक्षिणी ओर है।
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अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कंक्रीट की 14 मीटर मोटी परत से किया गया जो कृत्रिम चट्टान का रूप देता है जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फीट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया। मंदिर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है जिसमें पर्यावरण जल संरक्षण पर खास जोर दिया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में अनुमान लगाया था कि 2022 में भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड रुपए खर्च होंगे पिछले साल अक्टूबर में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रस्ट ने 5 फरवरी 2020 और 31 मार्च 2023 के बीच अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर 900 करोड रुपए खर्च किए।