Shrapit Dosh:यदि किसी शख्स की कुंडली के किसी घर में शनि और राहु साथ हो तो श्रापित दोष बनता है, ये दोष व्यक्ति के जीवन की विलासिता और आराम का आनंद लेने में असमर्थ होता है। ये दोष पिछले जन्म में किसी शख्स द्वारा श्राप दिये जाने पर या पिछले जन्म में जान-बूझकर या अनजाने में किए गए कुछ अशुभ कार्य के कारण कुंडली में बनता है।
ये दोष व्यक्ति के जीवन में लगभग सभी क्षेत्रों पर प्रभाव डालता है, जैसे व्यक्ति के परिवार, वैवाहिक,बच्चों,व्यापार,करियर आदि।
शनि तथा राहु का ये संयोजन एक व्यक्ति को बुद्धिमान बना सकता है और वह तकनीक से संबंधित गतिविधियों सहित व्यावसायिक गतिविधियों में सफल हो सकता है।
लेकिन साथ ही यह दोष व्यक्ति को दुर्भाग्यपूर्ण भी बना सकता है और इसलिए वह अपनी सफलता के फल का स्वाद लेने में असमर्थ होताहै।
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श्रापित दोष के दुष्प्रभाव :
इस दोष के कारण जीवन में तलाक, वैवाहिक परेशानियाँ, पति-पत्नी के बीच तनावपूर्ण स्थिति होतीहै।
गर्भपात होना, बच्चे के जन्म से संबंधित समस्या होना।
करियर और शिक्षा में समस्याएं उत्पन्न होना।
परिवार के सदस्यों के बीच वाद-विवाद होना।
इस दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधि परेशानियाँ उत्पन्न होती है।
इस दोष के वजह से आपके जीवनसाथी की अचानक मौत भी हो सकती है।
व्यापार में आर्थिक समस्या होना।
इस दोष के वजह से व्यापार में बाधाएं आना।
जातक पर श्रापित कुंड़ली का फल
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आपको बता दें कि जब किसी जातक कुंडली श्रापित हो जाती है, तो जातक को अशुभ फल प्राप्त होते है। साथ ही जातक को अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।वहीं इस दोष के अशुभ प्रभाव से जातक को करियर में तरक्की प्राप्त करने में कई बाधाएं आती हैं। इतना ही नही जातक के शादीशुदा जीवन में भी लडाई-झगड़े आदि की स्थिति बनी रहता है। श्रापित कुंड़ली के कारण व्यक्ति को अपने बिजनेस में भारी नुकसान का सामना करना होता है।
जैसा कि हम सभी जानते है कि सुख-दुख एक सिक्के के दो पहलू है। उसी तरह व्यक्ति के जीवन में अच्छे और बुरे दिनों का आना तो निश्चय है। जब जातक के जीवन में बुरे समय चल रहा हो और अच्छे दिन भी बुरे हो तो इसका कारण ग्रह दशा तथा कुंड़ली के अशुभ दोष हो सकते है।
साथ ही किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में श्रापित दोष मजबूत ग्रह होने पर जातक को अधिक प्रभावित नहीं करता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति की कुंड़ली में ग्रहों की मारक महादशा या अंतर्दशा होती है, तो जातक को भारी नुकासान होता है।
जातक को श्रापित कुंड़ली के वजह से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इस दोष के वजह से जातक को इन क्षेत्रों में भारी नुकसान का सामना करना पडता है-
वित्तीय क्षेत्र में नुकसान
व्यापार क्षेत्र में बाधाएं
संतान क्षेत्र में परेशानी
शिक्षा क्षेत्र में समस्या
निःसंतान और गर्भपात की परेशानी
पति-पत्नी के बीच विवाद की स्थिती
पारिवारिक जीवन में कष्ट
उपाय
जातक को श्रापित कुंड़ली से बचने के लिए पूजा करनी चाहिए।
सबसे पहले आपको सुबह उठकर स्नाान करना चाहिए।
जातक को 108 बार शनि और राहु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
जातक की कुडंली से श्रापित दोष को हटाने के लिए रोजाना शिव पर दूध और पानी चढ़ाना चाहिए।
शनि और राहु पर काली दाल चढ़ाने से जातक को काफी लाभ होता है।
जातक को गाय और मछलियों को शुद्ध घी से बने चावल खिलाना चाहिए, जिससे उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
शनिवार के दिन आपको भगवान शिव और हनुमानजी, श्रीराम की पूजा करना चाहिए।
शानि मंत्र ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप करना चाहिए।
जातक को राहु मंत्र ओम् भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का जाप जरुर करना चाहिए।
जरुरतमंदो को भोजन और पैसो की मदद करनी चाहिए, इससे काफी लाभ होगा।
अगर आप इससे परेशान है तो इस परेशानी से जुडे रत्न के लिए अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
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Pt. Ashutosh Acharya
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