Surrogacy New Rule: सरोगेसी की चाह रखने वाले जोड़ों के लिए एक नई आशा की किरण नजर आई है दरअसल केंद्र सरकार ने दंपति में से किसी एक शादी का मेडिकल कंडीशन की वजह से खुद के गेमेट्स यानी कि एग या स्पर्म के इस्तेमाल करने में और असमर्थता प्रमाणित होने पर डोनर गैमेट अंडाणु और शुक्राणु के इस्तेमाल के इजाजत देने के लिए सरोगेसी रेगुलेशन रूल 2022 में बदलाव किया गया है।
दरअसल सामान्य परिस्थितियों में सरोगेसी से गुजरने वाले कपल के पास इच्छुक जोड़ों के दोनों गैमेट होने चाहिए । कई बार ऐसा होता था कि दोनों में से कोई एक ऐसे मेडिकल कंडीशन का सामना कर रहा होता था जब वह अपने गैमेट सरोगेसी के लिए नहीं दे पाता और ऐसे में कपल के लिए पेरेंट्स बनना मुश्किल हो जाता। अब नए नियम से उनके लिए माता-पिता बनना आसान हो जाएगा।
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Surrogacy New Rule: क्या कहता है नया नियम
दरअसल सरकार द्वारा नोटिफाई किए गए सरोगेसी रूल्स 2024 में कहा गया है कि जिला मेडिकल बोर्ड को सर्टिफाई करना होगा कि पति या पत्नी में से कोई एक ऐसी स्थिति से पीड़ित है आगे कहा गया है कि डोनर गेमेट्स का इस्तेमाल करके सरोगेसी की इजाजत इस शर्त के अधीन है कि सरोगेसी के जरिए पैदा होने वाले बच्चों के पास काम से कम एक गैमेट होना चाहिए ।
इस नियम में यह भी कहा गया है कि सिंगल महिला जो सरोगेसी प्रक्रिया से गुजारना चाहती है उसे अपना एग और दाता का स्पर्म प्रयोग करना होगा ।
2023 की अधिसूचना पर किया गया विचार
आपको बता दें कि इसको लेकर मार्च 2023 में केंद्र सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन में सरोगेसी करने वाले जोड़ों के लिए डोनर गैमेट पर बैन लगा दिया गया था जिसके कारण अदालत से राहत की मांग करने वाले याचिका दायर की गई जिसमें मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दिखाया गया था कि वह अंडा पैदा करने में असमर्थ है आगे कहा गया की इच्छुक सिंगल मदर भी दाता एग का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
जब इतने सारे पिटीशन आए तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपनी 2023 के अधिसूचना पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। आगे कहा कि दोनों गैमेट को इजाजत देने वाला हालिया संशोधन उसी का नतीजा है।