Sudarshan Setu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के गुजरात दौरे पर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जामनगर पहुंचे और भव्य रोड शो में लोगों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया। इसके बाद वह सुबह सवेरे द्वारका मंदिर पहुंचे। पूजा अर्चना की इसके बाद उन्होंने अरब सागर पर बने देश के सबसे लंबे केबल आधारित पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया।
पुल तकरीबन 2 किलोमीटर लंबा है 980 करोड रुपए की लागत से बना हुआ है जो ओखा मुख्य भूमि को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है। इसके अलावा यह पुल कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है।
Sudarshan Setu: भागवत गीता के श्लोक और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित
पुल के निर्माण को साल 2016 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी और 7 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शीला रखी। इसका लाभ लक्षद्वीप पर रहने वाले लोगों को मिलेगा सुदर्शन सेतु एक अदभुत डिजाइन को प्रदर्शित करता है। जिसमें दोनों तरफ श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदल पथ है । इसमें पैदल पथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल लगाए गए हैं। जिसमें एक मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है ।
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इस सेतु से वाहनों की आवाजाही होगी आसान
इस सेतु से वाहनों की आवाजाही आसान होगी और द्वारका एवं बेयत द्वारका मार्ग के बीच यात्रा करने वाले भक्तों का काफी समय बचेगा। सेतु के निर्माण से पहले तीर्थ यात्रियों को बेयत द्वारका तक पहुंचाने के लिए नाव परिवहन पर डिपेंड रहना पड़ता था। खराब मौसम हो जाए तो लोगों को काफी वेट करना पड़ता था। यह प्रतिष्ठित सेतु देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा।
कंपोजिट स्टील रिइंफोर्सड कंकरीट से बना है जिसमें 900 मीटर का सेंट्रल डबल स्पैन केबल- स्टैंड वाला हिस्सा और 2.45 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड शामिल है। 4 लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल की प्रत्येक साइड पर 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं।
पहले इस पुल को सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाता था
इस पुल को सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम बदल कर सुदर्शन सेतु या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है। अधिकारियों की माने तो अभी तक बेट द्वारका में मंदिर में आने वाले भक्त केवल दिन के दौरान नाव से यात्रा कर सकते हैं। अब जब इस पुल का उद्घाटन हो गया है तो वह कभी भी और किसी भी समय जाकर द्वारकाधीश के दर्शन कर सकते हैं।