Tribal Students: केंद्र की मोदी सरकार ट्राईबल कम्युनिटी पर खासा जोर दे रही है। ट्राइबल किशोर और युवाओं की बेहतर स्वास्थ्य के लिए आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने आयुष मंत्रालय से हाथ मिलाते हुए एक संयुक्त अभियान की शुरुआत की जिसमें आयुर्वेद की मदद से हेल्थ के स्क्रीनिंग में प्रबंधन से जुड़ी एक परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जाएगी। इसमें मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि परियोजना की ओर से सीधा फायदा 20000 ट्राइबल स्टूडेंट होगा ।
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इसकी शुरुआत आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा व आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल की मौजूदगी में हुई। विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए हम अपने बच्चों और युवाओं को आज सेहतमंद और फिट बना रहे हैं।
Tribal Students: आदिवासी बच्चों के लिए अभियान
सोनोवाल का कहना था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें भारतीयों को रोग मुक्त बनाना होगा। इस परियोजना में आदिवासी बच्चों के लिए देश भर के चलने वाले एकलव्य रिहायशी मॉडल स्कूलों में बच्चों की जरूरत को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना के तहत संयुक्त रूप से काम किया जाएगा।
बच्चों में कुपोषण, टीवी व आयरन की कमी
दरअसल आदिवासी बच्चों में बड़े पैमाने पर कुपोषण टीवी आयरन की कमी होने से एनीमिया सिकल सेल समस्या देखे जा रही है। इन बच्चों में इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार आयुर्वेद चिकित्सा की मदद लेगी ।
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आदिवासी मंत्रालय की ओर से कहा गया है किसी देश के 14 राज्यों में चलने 55 एकलव्य मॉडल स्कूलों के 10 से 18 साल तक के कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट को देखा जाएगा । इसके पीछे का मकसद स्कूलों की बच्चों में होने वाली समस्याओं को पहचान कर उनका समय रहते इलाज हो बचाव करना है।