UCC Marriage Registrations: UCC विधेयक का उत्तराखंड में दिख रहा असर, शादी के सालों बाद भी लोग करा रहे रजिस्ट्रेशन

UCC Marriage Registrations: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी कि समान नागरिक संहिता विधेयक का असर दिखने लगा है। शादी के बाद उत्तराखंड में दूल्हा दुल्हन ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया है। शादी के सालों बाद भी लोग रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं दरअसल समान नागरिक संहिता के लागू होने के बाद उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में शादी रजिस्ट्रेशन बढ़ने लगे हैं ।

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विभाग के सालों बाद भी जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था वह भी इन दोनों रजिस्ट्रेशन करने आ रहे हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद रोजाना 5 से 10 लोग शादी को रजिस्ट्रेशन कराने पहुंच रहे हैं। उच्च विधेयक पारित होने के बाद 6 माह के भीतर विवाहित जोड़ी को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।

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UCC Marriage Registrations: रजिस्ट्रेशन न करने पर जुर्माना व सजा दोनों

रजिस्ट्रेशन न करने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है बता दे की 26 मार्च 2010 के बाद सभी विवाहित जोड़ों को रजिस्ट्रेशन करना होगा इससे पहले के विवाहित लोगों का रजिस्ट्रेशन में छूट दी गई है। विधेयक पास होने के बाद कुमाऊं के सभी जिलों में रजिस्ट्रेशन में तेजी आ रही है।

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शादी रजिस्ट्रेशन करने के लिए आधार कार्ड अस्थाई निवास प्रमाण पत्र दोनों का जन्म प्रमाण पत्र वर वधु की दो-दो पासपोर्ट साइज फोटो स्थानीय ग्राम पंचायत निकाय से मोहर लगा प्रार्थना पत्र शादी का कार्ड शपथ पत्र रजिस्ट्रेशन के लिए दो गवाह जरूरी है।

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